जानें अपने भोपाल को


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अनूठी नैसर्गिक छवि, ऐतिहासिकता और आधुनिक नगर नियोजन का नायाब नमूना है। 11वीं सदी में भोजपाल नामक इस नगर को राजा भोज ने बसाया था। बाद में इसकी नींव एक प्रतापी अफगानी सैनिक दोस्त मोहंम्मद (1708-1740) ने डाली थी। दोस्त मोहम्मद की मुलाकात रूपवती गौड़ रानी कमलापति से हुई थी जिसने अपने पति की मृत्यु हो जाने पर उनसे सहायता की याचना की थी।

एक रोचक किवदंती के अनुसार रानी कमलापति कमल पुष्प की आकृति की अपनी नाव में झील में पूनम की रातों में जल विहार का आनंद लेती थीं। आज भी भोपाल की दोनों झीले पर्यटकों के लिए खूबसूरत सौगात है। इनके किनारे ही शहर का विकास हुआ है। ऐतिहासिक रूप से भोपाल मध्य भारत की मुस्लिम रियासत के रूप में जाना जाता था।

1956 में कानूनी रूप से भोपाल राज्य को मध्य प्रदेश में विलीन कर दिया गया। भारत अगस्त 1947 में पूर्ण रूप से आजाद हो गया। भोपाल रिय़ासत 1 मई 1949 को भारत सरकार के अधीन हो गई।

समुद्र तट से ऊंचाईः 572 मीटर

तापमान  (°C):

  • गर्मी में- अधिकतम 47.7 डिग्री, न्यूनतम 24.9 डिग्री
  • सर्दी में-अधिकतम 24.5, न्यूनतम 9.1
  • उत्कृष्ट मौसम-अक्टूबर से मार्च।


मुख्य औद्योगिक इकाइयां- शहर में मुख्य रूप से बिजली का सामान, काटन, केमिकल और ज्वेलरी आदि बनाने के कारखाने स्थापित हैं। बीएचईएल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई है।

शहर के मुख्य संग्रहालयः

  • बिरला संग्रहालय- सुबह 9.00 से 5 बजे तक खुला रहता है। मंगलवार अवकाश
  • राज्य संग्रहालय- सुबह 10.00 से 5.00 बजे तक खुला रहता है। मंगलवार अवकाकश 
  • आदिवासी मानव संग्रहालय- सुबह 10.30 से 5.00 बजे तक खुला रहता है। रविवार और द्वितीय शनिवार अवकाश
  • केंद्रीय संग्रहालय- सुबह 10.30 से 5.00 बजे तक खुला रहता है। रविवार अवकाश


प्रमुख शैक्षणिक संस्थानः



नजदीकी पर्यटन स्थलः

  • विदिशा
  • सांची
  • भीमबैठिका
  • देलावाड़ी
  • नेवरी
  • गिन्नौरगढ़ का किला


आकर्षक स्थलः

  • गांधी भवन
  • वन विहार
  • श्यामला हिल्स
  • ईदगाह हिल्स
  • शौकत महल
  • भारत भवन
  • मोती मस्जिद
  • जामा मस्जिद