भोपाल गैस त्रासदी
दहल गया, सहम गया
सुनी खबर ठिठक गया
भौचक्के सब थे पूछते
अरे, ये कैसे हो गया ?
इस हादसे जैसी खबर
न पहले थी सुनी कभी
भोपाल गैस त्रासदी....भोपाल गैस त्रासदी
वो कैसी काली रात थी
मची हुई गुहार थी
भागते चले चलो
बस यही गुहार थी
कीड़े मकोड़ों की तरह
थी लाशों से सडकें पटी
भोपाल गैस त्रासदी .......भोपाल गैस त्रासदी
मरे हज़ार बेगुनाह
तड़प तड़प के भरके आह
आज भी हैं भोगते
वो दंश कितने, बेपनाह
न भूल पायेंगे कभी
वह रात, वह पिछली सदी
भोपाल गैस त्रासदी........भोपाल गैस त्रासदी
मचा हुआ कोहराम था
अप्रादी परेशान था
दिखा दिया गद्दारों ने
की यह तो हिन्दुस्तान था
रसूख वालों को यहाँ
है माफ़ चाहे जो वो करें, सभी
भोपाल गैस त्रासदी ..........भोपाल गैस त्रासदी
हुई तो गिरफ्तारी भी
ठाणे से ही ज़मानत भी
एंडरसन की फरारी में
वाहन भी थे सरकारी ही
कायम नई मिसाल की
भोपाल गैस त्रासदी .........भोपाल गैस त्रासदी
इस त्रासदी से भी बड़ी
हुई है "न्याय त्रासदी "
मिला न न्याय लोगों को
पचीस साल बाद भी
सजा है नाम मात्र को
इतने बड़े गुनाह की
भोपाल गैस त्रासदी .........भोपाल गैस त्रासदी
श्री अजय पाठक जी की रचना, भोपाल हादसे पर (लेखक, मध्यप्रदेश के सिंगरौली में एक्टिविस्ट हैं)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें